घर की याद
- Deepak RS Sharma
- Sep 3, 2020
- 2 min read
जब मेरे पिता घर आते हैं |
इक तेज़ आवाज़ लगाते हैं ||
आवाज़ लड़खड़ा सी जाती है|
कहीं गले में दब के रह जाती है | |
इक आँख भर के वो सबको देखते हैं |
पर आँखें कुछ ढूंढती रह जाती हैं ||
उस वक़्त उनको मेरी बड़ी गहरी
याद सताती है ||
जब माँ सवेरे उठ कर
मेरे कमरे में आती है |
कुछ चोरी हुआ सा पाती है ||
दिल थोड़ी देर ठहर जाता है |
फिर वो काम पर लग जाती है | |
जब वो खाना बनाती है,
हाथ अचानक से रुक जाता है |
जब सबको खाता देख उसकी आँखों में
मेरा चेहरा धुंधला जाता है ||
जब गिलास में दूध को भरते हुए
छुप छुप के आंसू बहाती है |
उस वक़्त मेरी याद
माँ का कलेजा छील जाती है ||
जब दोपहर का घंटा बजता है,
आज भी बहन मेरे आने का इंतज़ार करती है |
आज भी हर चीज़ में मेरा हिस्सा
अलग वो करती है ||
बैठे बैठे जब कानों में
किसी की आहट पड़ती है |
तब अचानक उसके दिल में
हलचल मचल पड़ती है ||
कभी अकेले में अपने आप
मुस्कुराती है |
तन्हाई के आलम में वो सुबक कर रह जाती है ||
मेरी याद के सागर में
उसकी आँखें छलक जाती हैं ||
जब अलार्म की आवाज़ से
मेरे छोटे को खुद ही उठना पड़ता है |
जब हर कुछ लाने को घर से
अकेले निकलना पड़ता है ||
जब उसका जीत का जश्न
मनाने का मन करता है |
जब जब उसको मुसीबतों से
अकेले लड़ना पड़ता है ||
जब उसकी ख़ुशी में
कोई कमी सी रह जाती है |
हर बार ही मेरी याद
उसकी हंसी फीकी कर जाती है ||
कुछ पाने के लिए सब छोड़ आया हूँ |
कुछ पाकर ही वापिस लौटूंगा ||
मेरी माँ के आँचल में
तब सारी खुशियां समेटूंगा ||
मेरे पिता की आँखों में
जब गर्व की चमक आएगी |
मेरी बहन जिस दिन
शगुन में ज़माने भर की खुशियाँ पाएगी ||
एक एक बहे आंसू का
तब हिसाब पूरा होगा |
तब जब घर मैं लौटूंगा
मेरा घर आँगन न अधूरा होगा ||
मेरे अपनों को किया
हर वादा मैं निभाऊंगा |
माँ ! मैं जल्दी वापिस आऊंगा
पापा ! मैं जल्दी वापिस आऊंगा
दीदी ! मैं जल्दी वापिस आऊंगा
भाई ! मैं जल्दी वापिस आऊंगा ||
Wish you love and strength to conquer the happiness you want to give your family.
Heart touching words💕💕.....I became emotional when I realised that this will be my story one day....one day when I will be missed by my family too......great👌😇